कहानी कालिंजर की

कहानी कालिंजर की
कहानी कालिंजर की

इस कहानी की शुरुआत इतिहास के कुछ पन्नो से होती है जो इसका गौरव अपने अतीत के साथ संजोये हुए है | जिसने बहुत से युद्धों को समेटा है आज के समय में यह बाँदा जिले से ५५ किलोमीटर दूर स्थित है यह एक अभेद किला है |

आज भी यह किला पूरी तरह सुरक्षित है इस अभेद किले पर आधिपत्य हमेशा से हिन्दुओं राजाओ का ही रहा है, कुछ समय के लिए कुछ मुग़लो ने इस पर आधिपत्य की कोशिश की लेकिन ज्यादा दिन तक इसे हासिल न रख सके
५वी सदी में चेदि वंश का शाशन था उसके बाद यह मौर्या साम्राज्य के अधीन रहा इनके पश्चात् शुंग वंश तदनन्तर गुप्त वंश का आधिपत्य रहा जिन्होंने इस किले की शोभा बढ़ायी
लगभग ९वी शताब्दी से १५वी शताब्दी तक चंदेल शासको ने शासन किया |

सन १०२३ में मुग़ल लुटेरा महमूद गजनवी ने कालिंजर पर आक्रमण करने के पश्चात यहाँ की धन संपदा को लूट कर अपने साथ ले गया लेकिन यहां शासन न कर सका |
सन १५२६ ईस्वी में मुग़ल शासक बाबर ने अधिकार की कोशिश की लेकिन इस किले की दीवारों ने ज्यादा दिनों तक साथ न दिया आखिर उसे इस किले से जाना पड़ा |
इस किले पर हिन्दुओं राजाओ से लड़ते हुए शेरशाह सूरी का साम्राज्य स्थापित रहा लेकिन चंदेल शासको से युद्ध करते हुए तोप के गोले जो दिवार के रास्ते फटने से उसकी मौत हो गयी और इस प्रकार एक बार फिर से हिन्दू साम्राज्य स्थापित हुआ
यह किला आज भी उसी तरह अभेद है और चारो दिशाए इस किले का शौर्य गान कर रही है, इस किले तक पहुंचने के लिए गोलदार पहाड़ी के रास्ते को पार करना पड़ता है जो की खाई की और जाता है
इस किले पर पहुंचने के बाद आप इस किले के अतीत को महसूस कर सकते है जो इतिहास के उन पन्नो का साक्षी है जिन शासको ने यहां शासन किया |

इस किले में कई अद्भुत रहस्य छिपे हुए है जैसे एक नीलकंठ महादेव का मंदिर, कहते है यह शिव मंदिर भगवान् शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पिने के बाद यहाँ जल रहे गले की प्यास को बुझाया था.
आज भी भगवान् शिव की प्रतिमा से गले में पानी की बुँदे आती है जो भगवान् शिव के गले की गर्मी को दर्शाता है अगर आप अपने हाथ से स्पर्श करेंगे तो आपको अद्भुत अनुभव होगा यहां इतने ऊपर पहाड़ में पानी का श्रोत का कोई ज्ञान नहीं है की यह कहा से आता है, जबकि निचले स्तरों में पानी कम है
यहां एक और गुप्त गंगा भी है जिसका श्रोत बहुत निचे है जिसका अंत आज के वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए है ये उन रहस्यों में से भी एक है जो अपने आप में प्रकृति का एक अनोखा जीवंत उदाहरण है |

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