कहानी भानगढ़ की

कहानी भानगढ़ की
कहानी भानगढ़ की

कहानी एक ऐसे किले की जो अपने आप में अद्भुद है। जो बना तो था किले में रहने वालो की रक्षा करने के लिए और वहां के लोगो को बेहतर जिंदगी और समय बिताने के लिए। लेकिन वहाँ के युद्ध और शाप ने आज इस किले को बंजर बना दिया है। इस किले का नाम भानगढ़ है, और आज के समय में यह राजस्थान के अलवर जिले में राजगढ़ गांव में मौजूद है। यह किला जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है। आईये जानते है इस किले के छिपे हुए रहस्य और इस किले की आधारशिला।

भानगढ़ का किला आज के समय में सबसे डरावने किलो में से एक है। जहाँ आज भी लोग किले में सुबह के समय और शाम के समय जाने से डरते है। आखिर ऐसा क्यों ?

आज से 400 वर्ष पूर्व सत्रहवीं शताब्दी सन 1631 में राजा भगवंत दास द्वारा अपने छोटे बेटे माधो सिंह के लिए निर्माण किया गया था। माधो सिंह, राजा मान सिंह के छोटे भाई थे। राजा मान सिंह अम्बर राज्य के राजा थे। राजा मान सिंह अकबर के दरबार में नवरत्नों में से एक थे। इस किले में एक साधु बाबा बालक नाथ रहते थे। उन्होंने इस किले के निर्माण के समय राजा से कहा था की यहाँ इस किले पर कोई भी घर उसके निवास से बड़ा नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो इस किले के साथ साथ यहाँ रहने वालो का भी सर्वनाश हो जायेगा।

राजा माधो सिंह की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र छत्र सिंह ने राज्य को संभाला। राजा छत्र सिंह के राज्य में सब कुछ सामान्य था और उनके एक रानी के पुत्र अजब सिंह और दूसरी रानी के एक पुत्री राजकुमारी रत्नावती थी। राजकुमारी रत्नावती बहुत ही सुन्दर और प्रतिभावान थी। वे राजस्थान के सुनहरे हीरो में एक थी। सभी राजाओ ने उन संत की आज्ञा का पालन किया। लेकिन राजा अजब सिंह ने उन संत की आज्ञा का पालन नहीं किया। और भानगढ़ के किले में उन संत के निवास से भी ऊँचे भवन का निर्माण कराया। जो उस शाप के विपरीत था। की अगर किसी भवन की छाया उनके निवास स्थान पर पड़ेगी तो किले का पतन प्रारम्भ हो जायेगा। और हुआ भी वैसे ही, राजा अजब सिंह के द्वारा बनवाया गया एक और किला। जिसे अजबगढ़ के किले के नाम से जानते है। और अगले दिन ही अजबगढ़ की सेना और भानगढ़ की सेना एक दूसरे के सामने थी। और भानगढ़ किले के सारे लोग मरे गए जिनमे राजकुमारी रत्नावती भी शामिल थी।

एक और कहानी के अनुसार राजकुमारी रत्नावती पुरे राजस्थान में बेहद खूबसूरत थी। जिसका जिक्र करना इतना आसान नहीं है। उन्ही के खूबसूरती के पीछे एक तांत्रिक मन्त्रमुघ्द हो गया। उसने कई बार राजकुमारी का पीछा किया और उन्हें अपने प्रेमजाल में फसाने की कोशिश करता रहा। लेकिन वह हर बार अपनी कोशिश में विफल हो जाता। वह हर बार किसी न किसी तंत्र की मदद लेता। एक बार उसने रानी को उनके इत्र में अपने तंत्र से मिलाकर एक नया इत्र बनाया जिसको लगाते ही राजकुमारी उसके वश में हो जाती।

लेकिन राजकुमारी को उसकी चाल का ज्ञान हो गया और उन्होंने वह इत्र की शीशी को फ़ेंक दिया। तांत्रिक अपनी चाल में फिर विफल हो गया। और तंत्र जो राजकुमारी के लिए किया गया था वह तंत्र तांत्रिक के ऊपर हावी हो गया और उस तांत्रिक की मृत्यु हो गयी। मरने से पहले उस तांत्रिक ने राजकुमारी ,और उनके परिवार व राज्य के लोगो को शाप दिया की जो भी यहाँ पर रहेगा वे सभी मृत्यु को प्राप्त होंगे। अगले ही वर्ष अजबगढ़ और भानगढ़ के मध्य युद्ध हुआ जिसमे सभी लोग और भानगढ़ की सेना भी समाप्त हो गयी।

आज भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार यहाँ पर सुबह और शाम के जाना मना है, यहाँ के रहनिवासियो के अनुसार यहाँ बहुत असाधारण गतिविधियाँ होती रहती है। इन असाधारण गतिविधियों में भूत प्रेत और यहाँ के कुछ मृत प्राणियों की आत्मा शामिल है। जिन लोगो ने यहाँ पर रात बिता कर यह जानने की कोशिश की है क्या सच में यहाँ पर भूत प्रेत जैसी गतिविधियाँ होती है। उन लोगो को कुछ पता नहीं चल पाया और वे आधी रात में डर के कारण वहाँ से वापिस चले आये।

एक ऐसा किला जहाँ कलाकारी का निर्माण लोगो को आकर्षित करता है, वही इस किले की डरावनी कहानी जो लोगो की रूह तक कंपा देती है। इस किले की डरावनी कहानियो के अलावा और भी खूबसूरत जगह है जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है। जिनमे हिन्दू मंदिर शामिल है, गोपीनाथ मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर, लवीना देवी और केशव राय का मंदिर है।

यहाँ के किले में अद्भुत रहस्य छिपे हुए है। जो लोगो को अपनी ओर खींचते है। यह किला अपने आप में एक बेमिसाल कलाकृति का नमूना है। यह किला जितना ही खूबसूरत है उतना ही डरावना है। आज की कहानी में इतना ही और किलो के बारे में जानने के लिए हमें अपने सुझाव भेजे।

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