गौ का महत्व

गौ का महत्व
गौ का महत्व

आज भारत की कहानी में गौ के महत्व को जानते है, हिन्दू धर्म के अनुसार गौ का महत्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की मानव शरीर में प्राण | गौ जिसके दुग्ध से घी बनता है जिसका उपयोग यज्ञ करने में होता है जिसके फलीभूत देवगन प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद हम मानवो को मिलता है गौ के रोम रोम में देवताओ का वास है आज के समय में बड़े बड़े शहरो में गाये देखने को नहीं मिल रही है वो भी अपने अस्तित्व की तलाश में भटक रही है | अगर मानव समय रहते हुए गाय का सम्मान करना सीख लेता तो शायद उसे उसका महत्व भी उतना ज्ञात होता |

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गाय के रोम रोम में ईश्वर का वास है कहते है कि जब सारे देवता गाय के शरीर में समां गए तो लक्ष्मी जी रुठ गयी और उन्होंने कहा हम क्यों जाये हमारे पति विष्णु भी नहीं जायेगे उन्होंने देखा कि क्षीरसागर में तो कोई है ही नहीं तो वो गौ के पास गयी और उनसे पूछा कि क्या मैं आपमें समां सकती हु तो उन्होंने कहा कि कोई जगह नहीं बची है अब तो कोई जगह रिक्त भी नहीं है |

तो लक्ष्मी जी ने कहा कि कोई तो जगह होगी जहा मैं आ सकती हू तो गौ ने कहा एक जगह है मेरा गोबर इसके अलावा कोई और जगह शेष नहीं है, तो लक्ष्मी जी का वास गौ के गोबर में है, गोबर का अर्थ दो शब्दो से मिलकर बना है गौ और बर से जिसका अर्थ गौ के श्रेष्ठ से है अगर गौ में कोई श्रेष्ठ पदार्थ है तो उसका गोबर है इससे ज्यादा श्रेष्ठ नहीं है, तो उस गाये के गोबर में लक्ष्मी जी है जिसके गोबर के बिना कोई मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होता |

गौ के गोबर की और विशेषता कहते है गौ के गोबर का तापमान प्रकृति के तापमान से ४ डिग्री कम रहता है उसके गोबर की झिल्ली जो बादलो को आकर्षित करने का काम करती है, तो गौ के गोबर में इतनी शक्ति है जो बादलो को भी समय पर आकर्षित करते है |

इसी तरह गौ के मूत्र में किसका वास है जब सारी नदिया एकत्रित हुयी तो गंगा जी ने जाने से मना कर दिया और गंगा जी का वास गौ के मूत्र में है जिसके निवास से अमृत का वास है, गौ के मूत्र और गंगा जल के अंशो को जाने तो दोने में एक ही समानता है, गौ के मूत्र में भी हिन्दू धर्म की मान्यताये है की किस गौ के मूत्र का उपयोग करे वैसे तो इस धरा की हर एक गौ पूज्यनीय है अपितु जो गौ माँ नहीं बनी हो उसके मूत्र का उपयोग करना चाहिए, गौ के मूत्र को कहते है अगर उसको अग्नि में औटाया जाये तो उसके मूत्र से खोया बनाया जा सकता है किसी और जानवर के मूत्र से खोया नहीं बनाया जा सकता और उस खोये को गोली बना कर रखा जा सकता है और वो सर दर्द को दूर करने में काम आएगी |

गौ एक ऐसा प्राणी है अगर किसी मानव को कोई अवसाद हो तो वो गौ के पास रहने से उसके अवसाद ख़त्म हो जाते है, उसके रोम रोम में मानव के अवसादों को ग्रहण करने की क्षमता है अगर मानव सच में कुछ देना चाहता है तो वो गौ को सम्मान दे, , गौ को श्रद्धापूर्वक कुछ देने से दिन के दुःख हो जाते है और पापो का प्रायश्चित हो जाता है, अपने मनोरंजन के लिए कभी गौ को कुछ मत देना, निष्ठापूर्वक गौ के संपर्क में आये |

एक पंक्ति के अनुसार सब कुछ चीर फाड़ कर देखा हमने आदमी और मेढक के अंदर, अंतर केवल इतना पाया की मेढक अपने मनोरंजन के लिए आदमी पर कंकड़ नहीं फेंकता |

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