श्री कृष्णा अच्युताष्टकम्

श्री कृष्णा अच्युताष्टकम्
श्री कृष्णा अच्युताष्टकम्

अच्युतं केशवं रामनारायणं, कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम्।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं, जानकीनायकं रामचन्द्रं भजे।।

अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं, माधवं श्रीधरमं राधिकाराधितम्।
इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं, देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे।।

विष्णवे जिष्णवे शंखिने चक्रिणे, रुक्मिणीरागिणे जानकीजानये।
वल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने, कंसविध्वंसिने वंशिने ते नम:।।

कृष्ण गोविन्द हे राम नारायण, श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे।
अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज, द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक।।

राक्षसक्षोभित: सीतया शोभितो, दण्डकारण्यभूपुण्यताकारण:।
लक्ष्मणेनान्वितो वानरै: सेवितो, sगस्त्यसम्पूजितो राघव: पातु माम्।।

धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहा, केशिहा कंसहृद्वंशिकावादक:।
पूतनाकोपक: सूरजाखेलनो, बालगोपालक: पातु मां सर्वदा।।

विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वाससं, प्रावृडम्भोदवत्प्रोल्लसद्विग्रहम्।
वन्यया मालया शोभितोर:स्थलं, लोहितांघ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे।।

कुंचितै: कुन्तलैर्भ्राजमानाननं, रत्नमौलिं लसत्कुण्डलं गण्डयो:।
हारकेयूरकं कंकणप्रोज्ज्वलं, किंकिणीमंजुलं श्यामलं तं भजे।।

अच्युतस्याष्टकं य: पठेदिष्टदं, प्रेमत: प्रत्यहं पूरुष: सस्पृहम्।
वृत्तत: सुन्दरं कर्तृविश्वम्भर ,स्तस्य वश्यो हरिर्जायते सत्वरम्।।

इति श्रीमच्छंकराचार्यकृतमच्युताष्टकं सम्पूर्णम्।

मंत्र अर्थ : हे कृष्णा दामोदर ! मै अचुत्य की आराधना करता हूँ जो अमोघ शक्ति प्रदाता है। मै केशव की आराधना करता हूँ जिन्होंने केशी नामक दुष्ट का संहार किया था। मै भगवान श्री रामचंद्र की आराधना करता हूँ जो भगवान नारायण के जो अवतार है।
मै कृष्णा की आराधना करता हूँ जो अपनी दैवीय शक्तियों और सुंदरता से दुसरो को आकर्षित करते है। जिन्हे दामोदर के नाम से जानते है। मै वासुदेव की आराधना करता हूँ, मै हरी की आराधना करता हूँ (जो पापो का नाश करते है और सुख प्रदान करते है )।
मै श्रीधर की आराधना करता हूँ, मै माधव की आराधना करता हूँ। मै ईश्वर की आराधना करता हूँ जो गोपियों के सर्व प्रिय थे।
मै भगवान श्री रामचंद्र जी की आराधना करता हूँ माता जानकी के प्रभु है।।1।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै अचुत्य की आराधना करता हूँ मै केशव की आराधना करता हूँ। मै उस ईश्वर की आराधना करता हूँ जो सत्यभामा के प्रभु है।
मै माधव की आराधना करता हूँ। मै श्रीधर की आराधना करता हूँ, मै उस ईश्वर की आराधना करता हूँ जिन्हे देवी राधिका पूजा करती है ।
मै उस ईश्वर की आराधना करता हूँ, जिनके हृदय में इंदिरा का मंदिर है। मै उनकी आराधना करता हूँ जिनके पास एक सुन्दर वैभव है।
मै देवकी पुत्र की आराधना करता हूँ, मै उनकी आराधना करता हूँ नन्द के पुत्र हुए।। 2 ।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै विष्णु की आराधना करता हूँ, मै जिष्णु की आराधना करता हूँ। मै उनकी आराधना करता हूँ जिनके हाँथ में शंख है, मै उनकी आराधना करता हूँ जिनके हाथ में चक्र है ।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जो देवी रुक्मिणी के प्रिय है, और मै उनकी आराधना करता हूँ जिनकी पत्नी माता देवी जानकी है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जो वृन्दावन की गोपियों के हृदय में प्रिय है। मै उनकी आराधना करता हूँ जिन्होंने कंश का वध कर दिया जो अपनी सुन्दर बांसुरी के ध्वनि से मनमोहित करते ह।। 3।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै भगवान कृष्णा की आराधना करता हूँ जो गोविन्द के अवतार है जिन्हे वेदो के माध्यम से जाना जाता है । मै भगवान राम की आराधना करता हूँ जो भगवान नारायण के अवतार है ।
मै श्रीपति की आराधना करता हूँ, मै वासुदेव की आराधना करता हूँ, मै श्रीनिधि आपकी आराधना करता हूँ।
मै हे अचुत्य आपकी आराधना करता हूँ जो अनंत है। मै माधव आपकी आराधना करता हूँ। जो अधोक्षज के अवतार है।
मै द्वारका के नाथ की आराधना करता हूँ जिन्होंने द्रौपदी के चीर हरण के समय रक्षा की थी।। । 4।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै राक्षसों के भक्षक प्रभु श्री राम की आराधना करता हूँ, मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके साथ माता सीता विभूषित है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिन्होंने दंडकारण्य की भूमि को राक्षसों से मुक्त किया था।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनकी भगवान लक्ष्मण (शेषनाग) के अवतार और जिनकी वानरों ने सेवा की है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिन्हे मुनि अगस्त्य ने आराधना की है। हे राघव रक्षा कीजिये।। 5।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै भगवान की आराधना करता हूँ जिन्होंने असुर धेनुका (गधे का rup) को मारा था और जिन्होंने अरिष्टक (बैल का रूप) को मारा था जो असुर मनसा के थे।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिन्होंने केशी का वध किया था। केशी ने घोड़े का रूप धारण किया था। जिन्होंने कंस के भी प्राण हर लिए थे। मै भगवान की आराधना करता हूँ जो सुन्दर और मधुर ध्वनि के संरक्षक है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिन्होंने पूतना का वध किया था। जिन्होंने यमुना नदी के किनारे खेला है यमुना नदी भगवान सूर्य की पुत्री है।
मै भगवान बाल गोपाल की आराधना करता हूँ, कृपया हमेशा रक्षा करिये।। 6।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके वस्त्र आकाश में चमकने वाली बिजली की तरह सुशोभित है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जो सुन्दर कलाओ की तरह है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके सीने में वनमाला है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ, जिनके पैर सुन्दर लाल है और जिनकी आंखे कमल की तरह सुन्दर है।। 7।।

हे कृष्णा दामोदर ! मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके चेहरा चमक रहा है और घुंगराले बाल है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जो हीरे की तरह चमक रहे है, और जिनका चेहरे पर चमकते हुए कुण्डल सुशोभित हो रहे है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके भुजाओ और कमर पर कंगन चमक रहे है।
मै भगवान की आराधना करता हूँ जिनके श्याम वर्ण शरीर पर छोटी छोटी घंटिया मधुर ध्वनि कर रही है ।। 8।।

जो भी अचुत्याष्टकम का पाठ करता है उस पर ईश्वर की कृपा होती है।
और देवीय कृपा के सहारे प्रतिदिन शक्तिशाली की आराधना करता हूँ।
यह मंत्र अचुत्याष्टकम भगवान के सुन्दर नाम और उनके गुणों से भरा हुआ है।
हरी की इक्छा से बहुत जल्दी और हरी के नाम से हरी का निवास स्थान प्राप्त होता है।।9।।

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