दोयांग नदी

दोयांग नदी
दोयांग नदी

दोयांग नदी नागालैंड की प्रमुख नदियों में से एक है और यह नदी नागालैंड की सबसे बड़ी और सबसे लंबी नदी है, जो इस राज्य की दक्षिणी सीमा पर बहती है। दक्षिण नागालैंड के बहुत से क्षेत्र में यह नदी झरनों के माध्यम से बहती है। यहां रहने वाले अंगामी संप्रदाय के लोग दोयांग नदी को डज़ू नदी या ज़ुलु नदी के नाम से जानते है। ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी है दोयांग नदी। दोयांग नदी में कई सहायक नदियां है जो मुख्य नदी के प्रवाह में वृद्धि करते हैं। दियांग नदी घाटी में वर्तमान समय में नई तकनीकों के अंतर्गत बहुत से कृषि विकास किए गए है। जल की आपूर्ती को मिटाने हेतु इस नदी पर जलविद्युत परियोजनाएं तथा बांधों के निर्माण भी किए गए है। आगामी खंडों के अध्यन से दोयांग नदी के ऐसे सारे विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सकता है।



दोयांग नदी का प्रवाह पथ-

दोयांग नदी का प्रारंभिक स्रोत मणिपुर में माओ के दक्षिणी ढलान में स्थित है। यह नदी दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है तथा कोहिमा, जुन्हेबोटो, शिवसागर और वोखा जैसे जिले दोयांग नदी के जलग्रहण क्षेत्र में शामिल है। जिलों से होकर बहती है।  जुन्हेबोटो जिले और वोखा जिले के कुछ हिस्सों में, यह नदी उत्तर दिशा में बहती है। तत्पश्चात,  दोयांग नदी दक्षिण-पश्चिम दिशा में दोबारा मुड़ जाती है और वोखा जिले के एक बड़े हिस्से से होकर बहती है। दोयांग नदी 167 किलोमीटर लंबी है जो की गरीफेमा (घटशी) से लिपी नामक स्थानों तक फैली हुई हैं। त्सुई नदी, टुल्लो नदी और तिशी नदी इसकी तीन प्राथमिक सहायक नदियाँ हैं। तिशी नदी के सेमा क्षेत्र से परे, टुल्लो नदी, केलेकी नदी और तांगकी नदी जैसी धाराओं के पानी से ही दोयांग नदी की धारा बनती है। वोखा जिले में दोयांग नदी का शेष भाग है एवं फिर यह नदी धनसिरी नदी में विलीन हो जाती है। धनसिरी नदी और दोयांग नदी का संगम क्षेत्र असम के शिवसागर जिले में स्थित है।

दोयांग नदी घाटी में कृषि-

आज कल दोयांग नदी घाटी में नई तकनीकों से कृषि किया जाता है। छत कृषि की वर्तमान शैली को डोयांग नदी घाटी में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। विशेष रूप से पांगती गांव के पास दो विशिष्ट स्थानों में छत कृषि को "पोफू हई" और "तेंत्सु घास" जैसे नामों से जाना जाता है। सब्जियों के अलावा, केला और पपीता जैसे फल उन दोनों जगहों पर बहुतायत से उगाए जाते हैं।

दोयांग जलविद्युत परियोजना-

यह परियोजना दोयांग नदी पर नागालैंड के वोखा जिले में स्थित है। यह परियोजना 227 मिलियन यूनिट की अनुमानित वार्षिक उत्पादन के साथ 3× 25 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन का क्षमता रखता है। दोयांग जलविद्युत परियोजना जुलाई 2000 के दूसरे सप्ताह में चालू की गई थी। नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा इस जलविद्युत परियोजना का प्रबंधन किया गाया है।

दोयांग बांध-

भारत में कुल 5264 बड़े बांध संचालन हैं और इनमें से कई बड़े बांध अभी भी विकास के अधीन हैं। बांध निर्माण की संख्या में भारत, दुनिया में तीसरे स्थान पर है। बड़े बांधों के राष्ट्रीय रजिस्टर के अनुसार, नागालैंड में केवल एक पूरा बांध है, जो दोयांग नदी पर निर्मित है। नागालैंड में वोखा शहर ( वोखा जिले में) के पास दोयांग बांध स्थित है।  असम, अरुणाचल प्रदेश, मैनपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा ऐसे राज्य हैं जो इस बांध निर्माण के पहल से लाभान्वित होते है। दोयांग बांध का निर्माण वर्ष 2000 में पूरा हुआ था। दोयांग बांध 462 मीटर लंबा और 92 मीटर ऊंचा है। इसमें 5977 क्यूमेक की कुल क्षमता वाले चार रेडियल स्पिलवे गेट हैं। यह 75 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता रखता है तथा यह बांध पीने के पानी की आपूर्ति की पुष्टि भी करता है। दोयांग बांध के जलाशय का कुल भंडारण क्षमता 535 मिलियन क्यूबिक मीटर है और प्रभावी भंडारण क्षमता 370 मिलियन क्यूबिक मीटर है।

Published By
Anwesha Sarkar
14-07-2021

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