बराकर नदी

बराकर नदी
बराकर नदी

बराकर नदी पूर्व भारत की बहुत महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी छोटा नागपुर पठार से बहती है और यह दामोदर नदी की एक मुख्य सहायक नदी है। इस नदी के नाम से, पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में बराकर शहर का नामकरण हुआ है। बराकर नदी में बाढ़ की समस्या काफी पुरानी है इसलिए, दामोदर घाटी निगम द्वारा इस नदी पर कई सारे पुल, बांध तथा सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। आगे आने वाले भागों में हम बराकर नदी का प्रवाह पथ और इस नदी पर बने बांधों पर विशेष रूप से अध्ययन करेंगे।

बराकर नदी का प्रवाह पथ- 

झारखंड के हजारीबाग जिले में पद्मा नामक स्थान के निकट, बराकर नदी का उद्गम स्थल स्थित है। यह नदी छोटा नागपुर पठार के उत्तरी भाग में 225 किलोमीटर (140 मील) तक बहती है। पश्चिम बंगाल में आसनसोल और दिशरगढ़ से बहने के बाद, यह नदी दामोदर नदी में विलीन होती है। बराकर नदी का जलग्रहण क्षेत्र 6,159 वर्ग किलोमीटर (2,378 वर्ग मील) है। 

बराकर नदी की मुख्य सहायक नदियाँ है- बारसोती नदी और उसरी नदी; ये क्रमशः दक्षिण और उत्तर से बहती हैं। इन दो मुख्य सहायक नदियों के अलावा कुछ पंद्रह मध्यम या छोटी धाराएँ भी बराकर नदी में शामिल होती हैं।

बराकर नदी पर बाढ़ की समस्या-

बराकर नदी घाटी पर वार्षिक वर्षा 765 और 1,607 मिलीमीटर (30.1 और 63.3 इंच) के बीच रहती हैं। 80 प्रतिशत बारिश, मानसून के मौसम में जून से सितंबर तक होती है। बाराकर, आसनसोल तथा बर्धमान में, बाराकर नदी के कारण बाढ़ की समस्या होती है। अपने ऊपर पहुंच पर, बारिश के दौरान, बराकर नदी बहुत तेजी से बहती है और पुलों को भी बाहर ले जाती है। इस नदी क्षेत्र में बाढ़ का पुराना इतिहास है। 1913 में, 24 घंटे के 250 मिलीमीटर (10 इंच) बारिश ने, हजारीबाग जिले के महान पत्थर के पुल को बहा दिया था। 1946 में एक और बड़ी बाढ़ आई थी। आज भी बराकर नदी के आसपास के इलाके बाढ़ से पीड़ित है। बांधों के निर्माण से बाढ़ की समस्या कुछ कम तो हुई है पर इसे निस्तार प्राप्त नहीं हो पाया है। 

बराकर नदी पर निर्मित बांध और बिजली स्टेशन-

सबसे पहले, पश्चिम बंगाल में बराकर नामक स्थान के पास, ग्रैंड ट्रंक रोड पर एक और पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल कोयला बेल्ट के मध्य में स्थित है और इस पर भारी यातायात होती है। 19 वीं शताब्दी के मध्य में बने इस पुल को मरम्मत की आवश्यकता है। काली पहाड़ी से आसनसोल तक चल रहे बाईपास पर ( उत्तर की ओर) एक नया पुल भी बनाया गया है। 1950 के दशक में बने एक नए पुल ने नदी के प्रवाह को कुछ हद तक रोक दिया है।

दामोदर घाटी निगम- बराकर नदी एवं दामोदर नदी को आगे बढ़ाने के लिए, दामोदर घाटी निगम (DVC) ने स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना की योजना बनाई थी। इस परियोजना के तहत, पहले बांध का निर्माण तिलकिया के बाराकर में किया गया था। डीवीसी द्वारा तिलैया, कोनार, मैथन और पंचेत में चार बांधों का निर्माण किया गया है। 1949 में, डीवीसी द्वारा जलाशय की गाद और मिट्टी की गिरावट जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हजारीबाग में मृदा संरक्षण विभाग की स्थापना की गई थी। 

तिलैया बाँध- डीवीसी द्वारा निर्मित पहला बाँध, तिलैया बाँध है, जो झारखंड के हजारीबाग जिले के, तिलैया में स्थित है। तिलैया हाइडल पावर स्टेशन बराकर नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। इसका उद्घाटन 21 फरवरी 1953 को हुआ था। यह बांध 366 मीटर (1,201 फीट) लंबा है तथा नदी के तल से 30.18 मीटर (99.0 फीट) ऊंचा है। यह संरचना पूरी तरह से प्रबलित कंक्रीट का बना है। इस बांध में दो मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है और यह सिंचाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है।

मैथन बांध- डीवीसी द्वारा बनाया गया तीसरा बांध मैथन के नाम से जाना जाता है, जो पहले बिहार का हिस्सा हुआ करता था पर अब झारखंड राज्य में स्थित है। 27 सितंबर 1957 को बांध का उद्घाटन किया गया था।‌ मैथन बांध कि इस क्षेत्र में बराकर नदी पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच सीमा बनाती है। मैथन से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर, बराकर नदी दिशरगढ़ में दामोदर नदी से जुड़ता है।

मैथन बांध कंक्रीट और मिट्टी से निर्मित है और 4,860 मीटर (15,940 फीट) लंबा है। यह बांध नदी के तल से 43.89 मीटर (144.0 फीट) ऊंचा है। इस बांध पर निर्मित पावर स्टेशन की उत्पादन क्षमता 60 मेगावाट है, जिसमें 20 मेगावाट की तीन इकाइयाँ बने हैं। मैथन डैम, धनबाद से 48 किलोमीटर (30 मील) और आसनसोल से लगभग 25 किलोमीटर (16 मील) दूर है। यह पर्यटकों के लिए अत्यंत आकर्षक स्थल है। मैथन डैम के निकट ही कल्यानेश्वरी माता का मंदिर स्थित है, जो पर्यटकों के लिए महत्व रखता है।

Published By
Anwesha Sarkar
05-04-2021

Frequently Asked Questions:-

1. बराकर नदी का प्रारंभिक स्रोत कहाँ है?

पद्मा (हजारीबाग जिला, झारखंड)


2. बराकर नदी की कुल लम्बाई कितनी है?

225 किलोमीटर


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