बेतवा नदी

बेतवा नदी
बेतवा नदी

बेतवा को वेरावती नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तरी भारत में, यमुना की एक सहायक नदी है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहने वाली नदी, जल परियोजनाओं के माध्यम से, लोगों को बचाए रखती है। बेतवा नदी, आसपास के इलाकों में खेती के लिए सहायक है। केन- बेतवा नदी लिंक परियोजना का आरंभ भी इसी उद्देश्य से किया गया है। ताकि लोगों में जल संबंधी परेशानियां तथा कष्ट कम हो पाए। भारत सरकार एवं केंद्रीय जल आयोग ने मिलकर बेतवा नदी पर, बहुत सारे जल परियोजनाओं का प्रबंधन और संरक्षण किया है। भारतीय नौसेना ने बेतवा नदी के सम्मान में, अपने एक फ्रिगेट का नाम आईएनएस बेतवा का नाम रखा है। बेतवा नदी की भौगोलिक विशेषताएं, प्रवाह पथ तथा जल परियोजनाएं निम्नलिखित भागों में स्पष्ट किए गए हैं।

बेतवा नदी घाटी की भौगोलिक विशेषताएं-

बेतवा नदी घाटी 77° से 81° E तथा 23° 8 'से 26° 0' N तक फैला हुआ है। बेतवा नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 46,580 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 31,971 वर्ग किलोमीटर (68.64%) मध्य प्रदेश में और 14,609 वर्ग किलोमीटर (31.36%) उत्तर प्रदेश में स्थित है। बेतवा नदी की परिधि के चारों ओर बलुआ पत्थर की पहाड़ियों से निर्मित तश्तरी है। 

बेतवा घाटी में औसत वार्षिक वर्षा 110 सेंटीमीटर है। ऊपरी घाटी में अधिक वर्षा एवं घाटी के निचले हिस्सों में कम वर्षा होती है। इस घाटी की ऊपरी हिस्सों में 100 सेंटीमीटर से 140 सेंटीमीटर तक औसत वर्षा होती है तथा 80 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक की वर्षा घाटी के निचले हिस्सों में अनुभव किए जाते हैं।

बेतवा नदी का प्रवाह पथ-

बेतवा नदी की उत्पत्ति विंध्य पर्वत के रायसेन से होती है। प्रारंभिक स्रोत का यह स्थल, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में (कुमरगाँव गाँव में) स्थित है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश होते हुए, यह नदी उत्तर-पूर्व दिशा में बहती है। बेतवा नदी का लगभग आधा हिस्सा मालवा पठार से बहता है। बेतवा नदी मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में 470 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है; 590 किमी की दूरी तय करने के बाद, यह नदी 106.68 मीटर की ऊंचाई पर हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिलती है। बेतवा और यमुना नदी के संगम का यह स्थल,  25° 55″03 ′ उत्तर तथा 80° 12′45 ′ पूर्व में स्थित है।

बेतवा नदी, विदिशा, सांची, ओरछा जैसे शहरों से बहती है। बेतवा नदी की 14 प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। इनमें से 11 नदियां पूरी तरह से मध्य प्रदेश में है। बाकी की 3 नदियां, आंशिक रूप से मध्य प्रदेश में और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। हलाली नदी और धसान नदी, बेतवा नदी की महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं। हलाली नदी सबसे बड़ी सहायक नदी है। इसकी लंबाई 180.32 किलोमीटर है। बेतवा नदी में, दाहिनी ओर से नदी एवं धसान नदी, विलीन होते हैं।

बेतवा नदी पर जल परियोजनाएं-

बेतवा नदी को मध्य प्रदेश में, 'नदी जोड़ो परियोजना' के अंतर्गत लिया गया है। इस नदी के एक भाग को केन नदी से जोड़ा जा रहा है। बेतवा नदी पर निर्मित राजघाट बांध, की औसत क्षमता 658 क्यूबिक फीट/ सेकंड है। बेतवा नदी पर एक और उल्लेखनीय परियोजना है जो, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच एक उपक्रम- माताटीला बांध के रूप में निर्मित है। यह क्षेत्र प्रवासी जल पक्षियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना-

देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दर्शकों से चर्चा हुई है। देश को जल संकट से बचाने के लिए अब इस दिशा में तेजी से काम करना आवश्यक है। 23 मार्च 2021 को केन नदी और बेतवा नदी के जलस्तर को जोड़ने के लिए एक प्रस्ताव लागू किया गया है। केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना को लागू करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने हस्ताक्षर किए। यह नेशनल रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट के तहत पहली बड़ी परियोजना है। केन बेतवा लिंक परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी तक पानी का प्रवाह शामिल है। यह दोधन बांध के निर्माण और दो नदियों पर एक नहर को जोड़ने के माध्यम से किया जाना है।

Published By
Anwesha Sarkar
26-03-2021

Frequently Asked Questions:-

1. बेतवा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

विंध्य पर्वत (रायसेन)


2. बेतवा नदी की कुल लम्बाई कितनी है?

590 किलोमीटर


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