गुजरात राज्य, भारत के भूगोल के पश्चिमी छोर पर स्थित है। गुजरात का अधिकांश भाग शुष्क क्षेत्रों से बना है। इस राज्य में कई नदियाँ हैं जो राज्य की लंबाई से चौड़ाई तक बहती है। इनमें से कुछ नदियां बहुत बड़ी हैं और कुछ बहुत छोटी हैं। यहां 'अंबिका नदी' सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। अंबिका नदी एक बहुत लंबी और पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है।
अंबिका नदी का गुजरात और महाराष्ट्र, में विस्तृत जलग्रहण क्षेत्र है। अंबिका नदी 20 ° 31 'और 20 ° 57' उत्तरी अक्षांश और 72 ° 48 'और 73 ° 52' पूर्व देशांतर के बीच स्थित है। इस घाटी में, गुजरात के वलसाड, डांग और सूरत जिले शामिल हैं। महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक छोटा हिस्सा भी, अंबिका नदी के अंतर्गत है। निम्नलिखित भागों में अंबिका नदी के अन्य विश्लेषण पर ध्यान देंगे ।
अंबिका नदी का महत्व-
अंबिका नदी घाटी में जलवायु स्थिति-
तापमान- अंबिका नदी घाटी में, तापमान 32 से 40 डिग्री सेल्सियस में अपने उच्चतम बिंदु पर होता हैं। ठंड के महीनों में 25 से 8 डिग्री सेल्सियस तक की तापमान रहती है।
वर्षा- ग्रीष्म काल में या नदी सूख जाती है और दक्षिण-पश्चिम वर्षा की आद्रता से, इस नदी की पानी में वृद्धि होती है। घाटी में 1719.1 मिलीमीटर की औसत वार्षिक वर्षा होती है।
हवा की गति- हवा की गति मासिक आधार पर 0.3 से 2.5 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। प्री-मानसून और मानसून के बाद की अवधि में हवा की गति आमतौर पर अधिक रहती है तथा हवा उत्तर-पूर्व दिशा में बहती है।
आद्रता- अंबिका नदी घाटी में सापेक्ष आर्द्रता, 93.3 से 82.0 प्रतिशत तक होती है। मानसून के मौसम में आर्द्रता स्वाभाविक रूप से सबसे अधिक होती है, 93.3 से 89.9 प्रतिशत तक। सापेक्ष आर्द्रता नवंबर और दिसंबर के सर्दियों के महीनों में कम रहती है।
अंबिका नदी का भू-विज्ञान
अंबिका नदी घाटी क्षेत्र औरंगा घाटी के पास हैं। इस नदी घाटी को दो अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है-
इस घाटी क्षेत्र में ऊंचाई 100 से 1050 मीटर तक है। लेटराइट मिट्टी, गहरी काली मिट्टी और जलोढ़ मिट्टी अंबिका नदी घाटी में पाई जाने वाली तीन प्रकार की मिट्टी हैं।
अंबिका नदी का प्रवाह पथ-
अंबिका नदी, सपुतारा पर्वतमाला से उत्पन्न होती है। नदी का प्रारंभिक स्रोत, महाराष्ट्र के नासिक जिले के सुरगाना तालुका के कोटंबी गाँव के पास हैं। यह 136 किलोमीटर तक बहने के बाद अरब सागर में विलीन हो जाती है। अंबिका नदी, अरब सागर में मिलने से पूर्व, ढोलई के पास डेल्टा बनाती है। अंबिका नदी द्वारा, मोरली क्षेत्र में, बड़े पैमाने पर मेन्डर्स (बल) भी बनाए गए हैं।
अंबिका नदी की सहायक नदियां-
अंबिका नदी के साथ कई सहायक नदियाँ भी जुड़ती हैं। इसकी चार प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। इन सहायक नदियों में कापरी नदी, कावेरी नदी, वालन नदी और खेरेरा नदी शामिल हैं। गुजरात के नवसारी जिले में, कावेरी नदी है, जो यहां पर, अंबिका नदी और खैरा नदी में मिलती है।
नवसारी जिले से 25 किलोमीटर दक्षिण में बिलिमोरा शहर है जो, अंबिका नदी के किनारे एक महत्वपूर्ण शहर है। इस शहर को संगम स्थल के रूप में जाना जाता है जो, सहायक नदियों के साथ अंबिका नदी के संगम के लिए प्रसिद्ध है। बिलमोरा शहर की दक्षिण दिशा में, अंबिका नदी के साथ कावेरी नदी और खेरेरा नदी विलीन हो जाती है। परिणामस्वरूप, बिलमोरा को अक्सर "दो नदियों के बीच का शहर" कहा जाता है।
Published By
Anwesha Sarkar
12-03-2021
Frequently Asked Questions:-
1. अंबिका नदी का प्रारंभिक स्रोत कहाँ है?
सपुतारा पर्वतमाला
2. अंबिका नदी की कुल लम्बाई कितनी है?
136 किलोमीटर