इन युद्धों में एक तरफ राजा में क्षमा और दया तो दूसरी तरफ लुटेरे जिन्होंने क्रूरता की सारी सीमाएं लाँघ दी, एक तरफ हमारे भारत के वीरो ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया वही कुछ लालचियों ने भारत के ही इन वीरो को धोखा दिया, जिसका परिणाम भारत को कई वर्षो तक सहना पड़ा । आज ऐसे ही एक युद्ध जिसकी कहानी में छ...
यह युद्ध है इन दो वीरो का जिनका नाम इतिहास के उन स्वर्ण पन्नो में अंकित है। जिनकी गाथा पूरा विश्व जानता है एक ने अपनी मातृभूमि की रक्षा की तो दूसरे ने अपनी मातृभूमि का सीमा विस्तार और नर संहार। एक ऐसी कहानी जिन वीरो का नाम भारत में अमर है, और विदेश में भी। जहाँ इतिहासकारो ने एक अद्भुत युद्ध का वर्...
यह युद्ध भारत के उन युद्धों में से एक है जिन युद्धों में वीरों ने अपने प्राणो की परवाह किये बिना अपनी मातृभूमि की रक्षा अपने प्राणो की आखिरी सांस तक की। एक तरफ जहाँ विदेशियों की मंशा लूट पाट की थी तो वही दूसरी और भारत के गौरव की जिसकी रक्षा का दायित्व भारत की धरा के वीरो पर था। जिन्होंने बड़ी ही बह...
चंदेरी की कहानी आज से 500 वर्ष पूर्व शुरू होती है। ये वह शौर्य की गाथा, जब सन 1528 ईस्वी में चंदेरी की भूमि युद्ध की साक्षी बनने वाली थी । भारत में मुगल आक्रमण इसके इतिहास में नये अध्याय को जोड़ता है। पानीपत की पहली लड़ाई में मुगल बादशाह बाबर का हिंदुस्तान की धरती पर कदम रखना इस बात का संकेत था कि...
घाघरा का युद्ध पिछले युद्धो का परिणाम था, जहाँ एक तरफ भारत के राजाओ में बदले की भावना तो दूसरी तरफ सीमा विस्तार और विद्रोहियों का दमन। इस युद्ध का नाम बिहार में बहने वाली घाघरा नदी के ऊपर पड़ा। यह नदी हिमालय से निकलने के बाद कर्णाली नदी के नाम से जानी जाती है फिर यह नेपाल और उत्तर प्रदेश व बिहार के र...
यह युद्ध जिस समय मुग़ल साम्राज्य भारत में अपनी जड़े फैला रहा था और अपना साम्राज्य विस्तार कर रहा था। तभी घाघरा के युद्ध के पश्चात बाबर की मृत्यु हो जाती है उस समय बाबर के बड़े बेटे हुमांयू का राजतिलक आगरा में किया जाता है और हुमांयू अब मुग़ल सल्तनत का शाशक बन जाता है। 22 वर्ष की आयु में हुमांयू ने एक वि...
भारत की कहानी के इतिहास में कई बड़ी लड़ाइयाँ भीषण नरसंहार की साक्षी रही हैं । ईसा पूर्व की कहानियों में मगध साम्राज्य अपने साम्राज्य विस्तार के लिए रक्तपात करने को जाना जाता रहा है । लेकिन एक वक़्त आया जिसने इस खून की प्यासी महत्वकांक्षा को शिथिल कर दिया । आज उसी समय की बात करेंगे । कहानी भारत की में ब...
युद्धों के इतिहास को खंगालते हुए आज हम उत्तरप्रदेश बुन्देलखण्ड की उस धरती से आपका परिचय कराने वाले हैं, जिसमें एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई लड़ाइयां लड़ी गयी। कालिंजर दुर्ग, एक ऐसा दुर्ग जो अपने आप में अविजित रहा, भारत की कहानियों के अनेकों पीढ़ियों तक।
भारत के युद्धों के इतिहास में अनगिनत और अद्भुत युद्धों का जिक्र है लेकिन उसका कोई प्रारम्भिक बिन्दु स्पष्ट नजर नही आता । सनातन धर्म के वेदों का अध्ययन करने से यह ज्ञात होता है कि अखंड आर्याव्रत की भूमि पर सबसे पहला युद्ध त्रेता युग में लड़ा गया था । इस महान युद्ध का विवरण सार ऋग वेद में वर्णित हैं, ज...
अफगान आक्रमण के साथ ही भारत में तुर्क साम्राज्य का प्रवेश होता है और चंदावर की लड़ाई में जयचंद की पराजय के बाद तुर्क साम्राज्य की नींव पड़ जाती है । भारत की कहानियों में आज आपको तराइन की लड़ाई के बाद उजड़ चुके हिंदुस्तान के उस रणक्षेत्र में लेकर चलेंगे जहां एक तरफ जयचंद की विशाल सेना है, वो वही दूसरी तर...