केन नदी

केन नदी
केन नदी

केन नदी मध्य भारत की एक प्रमुख नदी है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह, भारत के दो राज्यों ( मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश) से होकर बहती है। केन नदी की कई सारी सहायक नदियां भी है। इस नदी का अधिकतम भाग मध्य प्रदेश में है इसीलिए यह मध्य प्रदेश का प्रमुख जल स्रोत है। पर्यटन के दृष्टिकोण से भी यह नदी बहुत महत्वपूर्ण है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में भी यही नदी बहती है। आगे आने वाले भागों में हम केन नदी की विशेष व्याख्या करेंगे।

केन नदी घाटी का भौगोलिक विस्तार-

केन नदी घाटी, उत्तरी अक्षांश 23 ° 20 'और 25 ° 20' और पूर्वी देशांतर 78 ° 30 'और 80 ° 32' के बीच स्थित है। केन नदी की कुल लंबाई 427 किलोमीटर है। इसमें से 292 किलोमीटर मध्य प्रदेश में, 84 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में और 51 किलोमीटर, की राज्य सीमा है। केन नदी घाटी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 28,058 वर्ग किलोमीटर है। केन नदी घाटी का अधिकतम भाग मध्य प्रदेश में है। केन नदी घाटी के जल ग्रहण क्षेत्र का 24,472 वर्ग किलोमीटर मध्य प्रदेश में और 3,586 वर्ग किमी उत्तर प्रदेश में स्थित है।

केन नदी का प्रवाह पथ-

केन नदी का प्रारंभिक स्रोत, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के, कैमूर रेंज मैं है। कैमूर पर्वतमाला के उत्तर-पश्चिम ढलान ही केन नदी का उद्गम स्थल है। यह अहिरगवां ग्राम के पास से उत्पन्न होती है। यह स्थल, समुद्र तल से 550 मीटर की ऊँचाई पर है। केन नदी, उत्तर प्रदेश में चिल्ला गाँव के पास, यमुना नदी में विलीन होती है। यह संगम स्थल लगभग 95 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। केन नदी, पन्ना और छतरपुर जिलों के बीच सीमा बनाती है। केन नदी के द्वारा उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की प्राकृतिक सीमा भी बनाई गई है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले और उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बीच की राज्य सीमा पर केन नदी ही है। 

केन नदी की सहायक नदियाँ-

केन नदी की अन्य महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ निम्नलिखित है- भालूमा नदी, कोपरा नदी, बेवस नदी, उर्मिल नदी, मिरहसन नदी, कुटनी नदी, केल नदी, गुरने नदी, पाटन नदी, स्यामरी नदी, चंद्रावल नदी तथा बन्ने नदी। 

सोनार नदी- केन नदी की सबसे लंबी सहायक नदी सोनार नदी है, जो मध्य प्रदेश में बहती है। सोनार नदी की उप घाटी संपूर्ण रूप से मध्यप्रदेश में ही है। यह 23 ° 20 'और 23 ° 50' के उत्तर अक्षांश तथा 78 ° 30 'के पूर्वी देशांतर और 79 ° 15' के बीच स्थित है। इसकी लंबाई 227 किलोमीटर है। सोनार नदी घाटी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 6,550 वर्ग किलोमीटर है। इस घाटी का एक पत्ते के आकार सा जलग्रहण क्षेत्र है। इसकी औसत चौड़ाई लगभग 40 किलोमीटर है। सोनार नदी घाटी कि एक तरफ पर्वतमाला तथा बाकी दोनों तरफ नदियां है। पूर्व दिशा में बेयरमा घाटी (केन नदी की एक और उप-घाटी) है। सोनार नदी के पश्चिम में धसान घाटी (बेतवा नदी की एक उप-घाटी) है एवं‌ दक्षिण दिशा में विंध्य पर्वतमाला है। सोनार नदी घाटी पन्ना, छतरपुर तथा रायसेन जिलों कि कुछ हिस्सों से होकर बहती है। सागर जिला और दमोह जिला, इस नदी घाटी में प्रमुख है। सोनार नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नानुसार है- ब्यास नदी, देहर नदी, कैथ नदी, कोपरा नदी और बेरमा नदी। कोपरा नदी और बेरमा नदी के अलावा, बाकी सारी सहायक नदियां, बाई ओर से सोनार नदी में विलीन होती है।

केन नदी घाटी में पर्यटकों के आकर्षण-

केन नदी घाटी के पर्यटन स्थल निम्नलिखित है- राणेह फॉल, केन घड़ियाल अभयारण्य, गंगऊ बांध, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, खजुराहो, कालिंजर का किला, महोबा एवं झांसी।

केन नदी घड़ियाल अभयारण्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां, प्राकृतिक रूप से निर्मित चट्टानें अलग-अलग रंग के होते हैं। ग्रेनाइट, डोलोमाइट और क्वार्ट्ज़ के चट्टानें सुदृश्य होते हैं। केन नदी और सिमरी नदी के संगम स्थल पर, गंगाऊ बांध का निर्माण हुआ है, जो एक पर्यटन स्थल भी है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में भी केन नदी बहती है। 

केन नदी के तट पर कुछ महल भी बने हैं। इस क्षेत्र के राजपूतों द्वारा उपयोग किए जाने वाली यह महल अद्भुत सौंदर्य के प्रतीक थे। आजकल, ये महल खंडहर की स्थिति में हैं और केवल प्रमुख इमारतों के खंडहर मौजूद हैं। एक और अनूठी जगह है, बांदा शहर, जो केन नदी के तट पर स्थित है। यह दुर्लभ पत्थरों के भंडार के लिए प्रसिद्ध है।

Published By
Anwesha Sarkar
23-03-2021

Frequently Asked Questions:-

1. केन नदी की कुल लम्बाई कितनी है?

427 किलोमीटर


2. केन नदी का प्रारंभिक स्रोत कहाँ है?

कैमूर रेंज (जबलपुर जिला, मध्य प्रदेश)


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