विचार का महत्व

विचार का महत्व
विचार का महत्व

विचार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है, कहानी भारत की में आज विचार का महत्व की चर्चा करते है इस विचार ने भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया | विचार यह हमारे मस्तिष्क का अभिन्न अंग है | हम इसको किस तरह से रूपांतरण करते है यह हम पर निर्भर करता है इन विचारो की सहायता ने कई बड़े से बड़े युद्ध का पासा पलट दिया और इसी विचार ने भारत के सिंघासन का तख़्त पलट कर रख दिया |

हम अपने विचारो को किस तरह से दूसरो तक पहुंचाते है ये इस पर निर्भर करता है की हम क्या चाहते है क्या यह विचार उपयोगी है या उपभोगी?
जब युद्ध के मैदान में सेना का मनोबल साथ नहीं देता तब विचार ही तो है जो सेनापति के द्वारा एक आदेश पर सेना अपने दुश्मन का सर धड़ से अलग कर देती है और हारा हुआ युद्ध
भी हासिल किया जा सकता है |
एक सही विचार सही समय पर आपको उचाईयो के शिखर पर पंहुचा सकता है जब आपके विचार आपको उच्चतम शिखर पर पंहुचा सकता है |

यही विचार तो मंथरा ने कैकेयी को सोचने पर मजबूर कर दिया की भगवान राम के सिंघासन पाते ही भरत को कभी राज्य करने को नहीं मिलेगा उन विचारो ने ही तो भगवान राम को वन
में भटकने पर मजबूर कर दिया उनके साथ माता सीता ने भी उन कष्टों को सहा.
अगर उस समय तक विचार सही समय पर मंथरा से न मिलते तो शायद भगवान राम का वन ना जाना होता वैसे अगर विचार करे तो मंथरा है क्या?
मंथरा तो किसी के भी विचार हो सकते है जो इस मन को विचलित कर सकते है ये कुत्षित बुद्धि का ही तो एक रूप है जो एक मन के विचार से दूसरे के विचार तक पहुंचते है
इस पुराने भारत की कहानी में बहुत से वीर योद्धाओ ने विचार के माध्यम से विजय हासिल की जहाँ उन एक सिख ने सवा लाख से लड़ाई करके उस युद्ध को लड़ कर अपने प्राणो की
चिंता किये बिना इस भारत की माटी को न्योछावर कर दिया |

"सवा लाख से एक सिख लडाऊ तभी गुरु गोविन्द सिंह नाम कहाऊ"

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