विश्व टेलीविज़न दिवस (21 November 2020)

विश्व टेलीविज़न दिवस (21 November 2020)
विश्व टेलीविज़न दिवस (21 November 2020)

आज इस दुनिया में सभी जगह, सभी लोगों के पास टेलीविजन एक ऐसा माध्यम है, जिसका उपयोग करके विश्व की जानकारी एकत्रित की जा सकती है। आज 21 नवंबर के दिन विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है। टेलीविजन के सहारे विश्व के लोग अपने अपने निर्णय ले पाते हैं, टेलीविजन विश्व के लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित करता है, जिसमें लोग अपने शांति और सुरक्षा के निर्णय ले पाते हैं यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने 21 नवंबर 1996 को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित किया ।

यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था टेलीविजन पूरे विश्व भर में बहुत तेजी से विख्यात हो रहा था, और 21 नवंबर 1996 को यूनाइटेड नेशन ने सूचना का एक यंत्र के रूप में लोगों के निर्णय में मदद करने लगा। टेलीविजन दिवस मनाने का कारण लोगों में जागरूकता लाना है, हम सब जानते हैं कि पहले जब टेलीविजन नहीं था। तब अखबारों और रेडियो के माध्यम से हम सूचना प्राप्त करते थे। इसमें सूचना तो होती थी लेकिन लोगों से लगाव नहीं था टेलीविजन आने के बाद एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति से सूचना के माध्यम से जुड़ पाया।

भारत में टेलीविजन की शुरुआत

टेलीविजन आज के समय में लोगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो गया है भारत में टेलीविजन की शुरुआत 15 सितंबर 1959 को हुई थी जो कि दिल्ली में एक प्रयोगात्मक शुरुआत थी 1965 में ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम से धारावाहिक प्रसारित होना प्रारंभ हुए और धीरे-धीरे टेलीविजन मुंबई और अमृतसर में 1972 तक हो गया 1976 में टेलीविजन रेडियो से अलग हो गया और 1982 तक नेशनल रिकॉर्ड प्रारंभ हुआ उसी साल भारतीय बाजारों में रंगीन टेलीविजन की शुरुआत प्रारंभ हुई 1980 के दशक में एकमात्र सरकारी चैनल दूरदर्शन के माध्यम से रामायण और महाभारत का प्रसारण प्रारंभ हुआ रामायण और महाभारत भारतीय इतिहास के 2 अनोखे ग्रंथ हैं

1980 से लेकर के 2000 के दशक में दूरदर्शन ने कई धारावाहिक का प्रसारण किया जिम में रामायण और महाभारत के बाद चंद्रकांता, मालगुडी डेज, विक्रम बेताल, दिव्यांशु की कहानियां, तेनालीराम मुख्यता है

भारतीय अवॉर्ड्स

एशियानेट कॉमेडी अवॉर्ड्स, बिग स्टार एंटरटेनमेंट अवार्ड, बिग टेलिविजन अवॉर्ड्स, टेलिविजन अवॉर्ड शो, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, गोल्ड अवॉर्ड्स, गोल्डन पेटल अवार्ड, इंडियन टेलिविजन अकैडमी अवॉर्ड, इंडियन टेली अवॉर्ड्स, अनिल अवॉर्ड्स, स्टार परिवार अवॉर्ड्स, स्टार मा परिवार अवॉर्ड्स, ग्लोबल इंडियन फिल्म एंड टेलिविजन ऑनर, ज़ी रिश्ते अवॉर्ड्स, ज़ी कुटुंब अवॉर्ड्स भारतीय टेलीविजन जगत में कलाकारों को इन अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जाता है

दादा साहब फाल्के सम्मान

भारतीय सिनेमा में धुंडिराज गोविंद फालके को भारतीय सिनेमा का पिता के रूप में जाना जाता है। इन्ही के नाम पर ही भारतीय सिनेमा में सम्मान दिया जाने लगा। धुंडिराज गोविंद फाल्के वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने सन् 1913 में पहली बार राजा हरिश्चंद्र सिनेमा का आयोजन किया। धुंडिराज गोविंद फालके को दादा साहब फाल्के के नाम से भी जानते हैं, जो पुरे विश्व में विख्यात है। दादा साहब फाल्के ने अपने 19 साल के कार्यकाल में 95 फिल्म और 26 शॉर्ट फिल्मों का निर्माण किया, भारत सरकार द्वारा सन 1969 से भारतीय सिनेमा में उद्यमी लोगों को और सिनेमा में योगदान करने वालों को दिया जाता है

देविका रानी को पहला पहला दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया गया। दादा साहब फाल्के अवार्ड सिनेमा जगत में प्रतिभावान लोगों को दिया जाता है इस अवार्ड में एक स्वर्णकमल ₹1000000 नगद, सफ़ेद साल और सर्टिफिकेट देते हैं। दादा साहब फाल्के अवार्ड सिनेमा जगत में बहुत ही महत्वपूर्ण सम्मान है।

राजा हरिश्चंद्र पहली भारतीय सिनेमा

राजा हरिश्चंद्र भारत की पहली साइलेंट सिनेमा थी, जो दादा साहब फाल्के के निर्देशन में बनाई गई थी। राजा हरिश्चंद्र सतयुग के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के ऊपर आधारित है, श्री पुंडलिक भी 18 मई 1912 को भारतीय फिल्म सिनेमा मे दादा साहब फाल्के द्वारा निर्देशित किया था, लेकिन भारत सरकार ने राजा हरिश्चंद्र को पहली भारतीय फिल्म होने का दर्जा दिया।
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