भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 12 जनवरी, 2021 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में बात की। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई और नहीं होना चाहिए।
इस वर्ष भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी सदस्यता फिर से शुरू किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बीसवीं सालगिरह पर भारतीय विदेश मंत्री ने अपना वक्तव्य पेश किया। केंद्रीय मंत्री ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आठ-सूत्रीय कार्य योजना का प्रस्ताव रखा। यह पहली बार भी था कि 1 जनवरी, 2021 को भारत की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हस्तक्षेप किया है।
आतंकवाद में चीन और पाकिस्तान पर विश्व की नज़र-
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान द्वारा दाऊद इब्राहिम को कवर करने की ओर भी इशारा किया। उन्होंने विशेष रूप से संकेत दिया है कि दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में सुरक्षा और संरक्षण पाया है। उन्होंने आगे उल्लेख किया है कि चीन ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में पाकिस्तान का समर्थन किया है। एक उपयुक्त संकेत दिया गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों को चीन से बहुत अधिक बैकअप मिला है। एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी शासन से मुक्त करने के चीन के नियमित प्रयासों का संदर्भ दिया है।
भारत ने दावा किया है कि जो आतंकवादी देशों के लिए सुरक्षित हैं और जो अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच अंतर करते हैं, वे भी उतने ही दोषी हैं। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में देशों को दोहरे मापदंड नहीं रखने चाहिए।
भारत के विदेश मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत व्यक्तियों और संस्थाओं का प्रादुर्भाव और प्रचार-प्रसार निष्पक्ष रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई धार्मिक विज्ञापन राजनीतिक विचार नहीं होना चाहिए।
भारत ने प्रस्तावित की आठ सूत्री कार्रवाई-
Published By
Anwesha Sarkar
14-01-2021